सोया सॉस का निर्माण और इसकी प्रक्रिया

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सोया सॉस एक प्रमुख चाइनीज़ व्यंजन है जो विभिन्न पकवानों में उपयोग किया जाता है। यह एक गहरे भूरे रंग की लिकोड़ वाली सॉस होती है जो विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थों में चटपटाहट और स्वाद बढ़ाती है। सोया सॉस का निर्माण पुराने चीनी तकनीक से किया जाता है और इसका सालों तक ठंडे और अंधेरे स्थानों में संग्रहण किया जा सकता है।

सोया सॉस निर्माण की प्रक्रिया

सोया सॉस का निर्माण चीन में होता है, जहां सोयाबीन्स, गेंहूं, मक्का और जौ को मिलाकर पानी और मीठे मदिरा के साथ छाना जाता है। इस मिश्रण को ‘कोजो’ कहा जाता है और इसे 3 से 10 दिनों तक फ़ेरमेंटेशन के लिए छोड़ा जाता है। इसके बाद मिश्रण को पानी से धोकर उसकी नमी को निकाला जाता है और प्याज़ों, खिरें और मसालों को उसमें मिलाकर उसे एक भारतीय नामक पानी प्रदान किया जाता है। इसके बाद सोया सॉस को व्यवस्थित रूप से उबालकर उसकी गाढ़ाई और स्वाद को बढ़ाया जाता है। अंत में, सॉस को छानकर उसे रिफाइंड और डिइपन किया जाता है जिससे उसकी स्थिरता और स्वाद की गुणवत्ता बढ़ाई जाती है।

सोया सॉस का उपयोग

सोया सॉस को इलाहबाद से चीन तक के प्रमुख खाद्य बनाने वाले केवलियों में इस्तेमाल किया जाता है। यह दाल और चावल, मन्चूरियन, चाऊमीन, चाऊपेल, चिली पनीर, वैनिश पेन्ज़ आदि के साथ इस्तेमाल होता है। यह छोटे व्यापारियों और स्वदेशी स्तर पर भी बनाया जाता है और यह घरेलू रूप से पूरी रीति से स्वदेशी जैसा होता है।

सोया सॉस के लाभ

सोया सॉस में प्रोटीन, आमिनो ऐसिड्स, विटामिन्स, मिनरल्स और किवामत होती है। यह ख़राब चर्बी को कम करने में मदद करती है, साथ ही स्वास्थ्य और कोशिकाओं को जीवनु रोगों से बचाती है।

सोया सॉस निर्माण की प्रक्रिया

सोया सॉस के लिए आम तौर पर प्राचीन चीन में एक बहुत ही पुरानी तकनीक का उपयोग किया जाता था। सोयाबीन्स, गेंहूं, मक्का और जौ को मिलाकर पीसे जाते थे और उन्हें पानी और मीठी मदिरा के साथ मिलाकर एक मिश्रण तैयार किया जाता था। इस मिश्रण को ‘कोजो’ कहा जाता था और इसे सात से पंद्रह दिनों तक फ़ेरमेंटेशन के लिए छोड़ा जाता था। इसके बाद मिश्रण को पानी से धोकर उसकी नमी को निकाला जाता था और प्याज़ों, खिरें और मसालों को उसमें मिलाकर उसे एक भारतीय नामक पानी प्रदान किया जाता था। इसके बाद सोया सॉस को व्यवस्थित रूप से उबालकर उसकी गाढ़ाई और स्वाद को बढ़ाया जाता था। अंत में, सॉस को छानकर उसे रिफाइंड और डिइपन किया जाता था जिससे उसकी स्थिरता और स्वाद की गुणवत्ता बढ़ाई जाती थी।

सोया सॉस का उपयोग

सोया सॉस को इलाहबाद से चीन तक के प्रमुख खाद्य बनाने वाले केवलियों में इस्तेमाल किया जाता है। यह दाल और चावल, मन्चूरियन, चाऊमीन, चाऊपेल, चिली पनीर, वैनिश पेन्ज़ आदि के साथ इस्तेमाल होता है। यह छोटे व्यापारियों और स्वदेशी स्तर पर भी बनाया जाता है और यह घरेलू रूप से पूरी रीति से स्वदेशी जैसा होता है।

सोया सॉस के लाभ

सोया सॉस में प्रोटीन, आमिनो ऐसिड्स, विटामिन्स, मिनरल्स और किवामत होती है। यह ख़राब चर्बी को कम करने में मदद करती है, साथ ही स्वास्थ्य और कोशिकाओं को जीवनु रोगों से बचाती है।

समापन

इस लेख से हमने सोया सॉस के निर्माण की प्रक्रिया और इसके उपयोग के बारे में जानकारी प्राप्त की। सोया सॉस का उपयोग भारतीय और चीनी खाने के साथ-साथ व्यापारिक स्तर पर भी होता है और इसके लाभ भी सेहत के लिए अनगिनत हैं।

सामान्य प्रश्न

1. सोया सॉस क्या होता है?

सोया सॉस एक चाइनीज़ सॉस होता है जो प्राचीन चीनी तकनीक से बनाया जाता है।

2. सोया सॉस का उपयोग कहाँ होता है?

सोया सॉस को खाने के साथ-साथ चीनी व्यंजनों में भी इस्तेमाल किया जाता है।

3. सोया सॉस के क्या लाभ हैं?

सोया सॉस में प्रोटीन, आमिनो ऐसिड्स, विटामिन्स, मिनरल्स और किवामत होती है जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।

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