अमाजके: विभिन्न रोगों का एक आयुर्वेदिक इलाज

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अमाजके, जिसे वैद्यराज नामक राजस्थान के राजा ने खोजा था, एक प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है जिसे भारतीय संस्कृति की गहरी धारा मानती है। यह चिकित्सा पद्धति विभिन्न रोगों का इलाज करने के लिए प्रयोग की जाती है और इसे जनसामान्य में प्रमुख जादीबूटियों और औषधियों का संयोजन माना जाता है। अमाजके चिकित्सा पद्धति के अनुसार, शरीर में बल, वात और कफ नामक तीन प्रकार के दोष होते हैं, और रोग का कारण इन दोषों का संतुलन बिगाड़ने के कारण होता है।

अमाजके के अनुसार, यह रोग अगर शरीर के बीच कफ की अधिकता हो तो पैदा होता है। इसलिए उसका इलाज काफी ही सरल होता है। काफी रोग के इलाज के लिए जादीबूटियों व सूखी पौधों के पाउडर को इस्तेमाल किया जाता है। साइंस के अनुसार, अरंडी / अंजिर का अर्क अत्यंत परे रोगद्रव्य है और इसके सेवन से काफ अधिकता कम हो जाती है और बिंदु कोफ निर्माण होने से बचता है।

अमाजके के अनुसार, यदि शरीर के बीच वात की अधिकता पैदा होती है, तो ऐसा रोग होता है जिसे इंद्रावर्ण्य कहा जाता है। इस रोग का इलाज होता है, जिसमें चिरायता, ब्रह्मी, अच्छरा, बच और खनकाही समेत कई जड़ी बूटियों और औषधियों का प्रयोग किया जाता है। इन औषधियों के सेवन से शरीर के बीच वात की संतुलन की वापसी होती है और इससे रोग ठीक हो जाता है।

अमाजके के अनुसार, यदि शरीर के बीच बल की अधिकता होती है, तो ऐसा रोग होता है जिसे पदार्थ उपचय कहा जाता है। इस रोग का इलाज करने के लिए भृंगराज, सल्ली समेत कई जड़ी बूटियों का सेवन कराया जाता है। इन औषधियों के सेवन से शरीर के बीच बल की संतुलन की वापसी होती है और इससे रोग का इलाज होता है।

यह आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति विभिन्न रोगों के इलाज के लिए बहुत ही प्रभावी है और इसका सेवन करने से किसी भी तरह के साइड इफ़ेक्ट्स का खतरा नहीं होता। इसलिए इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की एक बेहतरीन प्रवृत्ति माना जाता है।

संक्षेप

आज के समय में लोग बहुत तेजी से दौड़ रहे हैं। इस दौड़ में हम अपनी सेहत को भूल जाते हैं जिसका नतीजा हमारे लिए बहुत बुरा होता है। आयुर्वेद के अनुसार, जब हमारा शरीर किसी भी रोग से पीड़ित होता है, तो इसकी पहचान कर निर्धारित करता है और उसका इलाज करता है। इसलिए अमाजके नामक इस चिकित्सा पद्धति का सेवन करके हम अपनी सेहत को बचाने और अच्छी तरह से रख सकते हैं।

सवाल-जवाब

मुझे अमाजके के सेवन के फायदे क्या हो सकते हैं?

अमाजके का सेवन करने से शरीर के दोषों का संतुलन होता है और रोगों का इलाज होता है।

अमाजके की खोज किसने की थी?

अमाजके को राजस्थान के राजा वैद्यराज ने खोजा था।

क्या अमाजके के सेवन से किसी भी रोग का इलाज संभव है?

हां, अमाजके के सेवन से किसी भी तरह के रोग का इलाज संभव है।

अमाजके के सेवन का सही तरीका क्या है?

अमाजके का सेवन करने का सही तरीका अपने वैद्य से परामर्श लेकर जानना चाहिए।

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