अमाजाके: जापान की अनजानी मिठास का राज

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जापानी समाज का कई अलग-अलग पहलुओं से समृद्ध और विविधतापूर्ण होता है। जापान की संस्कृति और रहन-सहन के सौंदर्य को देखते ही लोग दीर्घकालिक में खींचे रह जाते हैं। वस्तुतः जापान की संस्कृति का एक सामर्थ्य यही है कि वह विदेशियों को भी समृद्धि और प्रभावित करता है। जापान की संस्कृति में खान-पान का बड़ा महत्व है और इसी महत्व के साथ यहां का खाना-पीना टेस्ट करने वाले विदेशी पर्यटक भी संतुष्ट होकर लौट जाते हैं।

जापान के व्यंजनों में से एक व्यंजन है “अमाजाके” जिसे जानने से पहले हम यह समझ लें कि अमाजाके क्या होता है। अमाजाके वास्तव में “जापानी मिठाई” का एक प्रकार है। जो कि मुख्यतः चावल, मूल, सूजी, चीनी और मक्खन से बनाई जाती है। अमाजाके को हम इतना स्वादिष्ट मान लेते हैं कि इसमें डूबकर हम अपनी जीभ की खातिर खुद को भूलने को मजबूर हो जाते हैं।

अमाजाके की विशेषताएँ

जिन लोगों ने अमाजाके को अपना लिया है वह तो यह अच्छे से जानते होंगे कि इसकी खास विशेषता यह है कि इसमें बहुत कम धातु होती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जितना भी आपने अब तक सुना होगा, अमाजाके में उबाली या तली हुई चीनी नहीं होती है। वास्तव में, अमाजाके बनाने के तरीके में शहद डालकर ही तली जाती है। यही वजह है कि अमाजाके का स्वाद बोहत हल्का होता है। अाप इसे जितना चाहें खा सकते हैं।

अमाजाके की प्रक्रिया

अमाजाके को बनाने की प्रक्रिया बहुत ही सरल होती है। आप सोच रहे होंगे कि इसके बिना तो भारतीय मिठाई का स्वाद भी गधा-गध होता है, तो इसको बनाना कोई बहुत ही कठिन काम होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। बस इसमें सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें चीनी की जगह शहद होता है।

अमाजाके बनाने के लिए आपको बासी चावल, मूल, सूजी, शहद, मक्खन और डाही की जरूरत होती है। सबसे पहले चावल और मूल को मिलकर सूजी के साथ मिलाया जाता है। इसमें डाही और शहद को भी मिलाया जाता है। इसके बाद मक्खन को गर्म करके इसको मिलाया जाता है। फिर इसे दही के बर्तन में डालकर उबाला जाता है। उबलने के बाद इसे ठंडा होने दिया जाता है। जब यह ठंडा हो जाता है तो इसे नापलकर परोसा जाता है। वाह! आप फिरसे इसके स्वाद में डूब जाएंगे।

अमाजाके का स्वाद सबसे अलग

अमाजाके का स्वाद सबसे अलग होता है। जो लोग इसे पहली बार किसी जापानी रेस्तरां में खाते हैं वोह शहद और मक्खन के साथ चावल के मिठास से हीरान होते हैं। इसे खाने के बाद आपको अपने चेहरे पर मुस्कान आती है। अमाजाके खाने के बाद आप आवशयकता नहीं महसूस करते कि आपने अधिक खाया है। इसे खाने के बाद आप किसी ने आपको बहुत ही प्यार से खिलाया हो, ऐसा महसूस करते हैं।

अमाजाके को खाने के बाद पानी पीने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि इसमें शहद होने की वजह से यह अपने आप में गिला होता है। अमाजाके को छोटे-छोटे शोले में सर्व किया जाता है जिन्हें खाने का हर एक पल में आपको अलग-अलग खुशबू सूचित होता है।

जापान की मिठाई के रुप में अमाजाके का चहिता सबसे बड़ा इसलिए होता है क्योंकि इसमें बहुत कम मैडिकल स्वास्थ्य मात्रा होती है। यह वजह है कि जिस प्रकार से भारतीय मिठाई के रुप में हम तले हुए चीनी के अशर का डर रहता है, वैसे ही इसमें शहद होने के कारण यह अपने आप से प्राकृतिक रूप से ऽसुरक्षित होता है।

अमाजाके का समाप्ति

अमाजाके संबंधित विषय में बतायी गयी सारी जानकारी को सम्मिलित करके आप अमाजाके का स्वाद जान चुके होंगे। इसी प्रकार से यह एक अच्छा अनुभव साबित हुआ है कि जापान की संस्कृति और रहन-सहन से लिया गया नमक थोड़ा मीठा होता है। अगर आप जापान घूमकर आए तो निःसंदेह अमाजाके अवश्य खाएं।

FAQs (पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. अमाजाके में कितनी विशेष मात्रा में मक्खन और शहद होता है?

अमाजाके में शहद और मक्खन की मात्रा अलग-अलग होती है, इसमें सूजी, चावल, और चीनी की मुक्त मात्रा शामिल होती है।

2. अमाजाके की खासियत क्या है?

अमाजाके की खासियत यह है की इसमें बहुत कम धातु होती है और इसमें शहद का प्रयोग होता है चीनी के बजाय।

3. अमाजाके की सर्वोत्तम सर्विंग कैसे की जाती है?

सर्वोत्तम सर्विंग के लिए अमाजाके को छोटे-छोटे शोले में परोसा जाता है।

4. क्या अमाजाके सेहदर्मद और मजेदार होता है?

जी हां, अमाजाके बिल्कुल सेहदर्मद और मजेदार होता है।

5. अमाजाके की कॉलरी मात्रा क्या होती है?

अमाजाके की कॉलरी मात्रा बहुत ही कम होती है क्योंकि इसमें शहद का प्रयोग होता है चीनी के बजाय।

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