नात्तो: जापानी शाकाहार का अद्भुत स्वाद

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नात्तो: जापानी शाकाहार का अद्भुत स्वाद

नात्तो वह भारतीय खाद्य पदार्थ है, जिसे नारत्तो या मिसो बोलते हैं. यह आम तौर से सोयाबीन, चावल, बार्ले या फर्मेंटेड चावल के पिस्ते से बनाया जाता है. इसका स्वाद मीठा, कड़वा और थोड़ा सा नमकीन होता है. जापानी भोजन पदार्थों के साथ नात्तो का सेवन करने की अनेक विधियाँ हैं. इसका स्वाद समोसाजार उपयोग के दौरान मૂळ खाने वाले के बात करेंं तो आइस क्रीम का स्वाद आता है, लेकिन इसमें खट्टापन भी है. दर असल नात्तो एक सूण्ठी और तीड़ी खाद्य पदार्थ है.

नात्तो खानेके फायदे

नात्तो क्रियाशील जीवनशैली से होता है । नात्तो को बड़ी संख्या मे टांसफोर्म करने की क्षमता है। साथ में नात्तो में जीवाणुओं को मारने वाले आत्मीय खाद्य पदार्थ जीस, बोतिरेट्ट और सोया सूखां जाता है। नात्तो में विशेष रूप से प्रोबायोटिक जीवाणुओं की मात्रा में बढ़ोतरी आती है।

नात्तो की प्रकृति

नात्तो को ट्रांसफ़ॉर्म करने का तुकड़ा, जो कि सूख्या धारतह से बनाया गया है, उसे में लगते है। इसमें एक्सत्रनल रूप से परिफ्युम मिश्रित है। ऐसा कहा जाता है के ऐसे खाद्य पदार्थ में फास्फोरस जि्यादा मात्रा में मौजूद होता है जो वायुमंडल या पर्फ्युम को घेरने की क्षमता रखता है। जब फास्फ्यूरस का प्रदुषण होता है तो वह आवाज मचा देता है और छूटति नहीं है।

नात्तो के स्वाद

नात्त आमतौर पर कड़वा, सूटा हुआ और मुँह में टिकता है, आप इसे ‘जापानी शाकाहार का अद्भुत स्वाद’ का है। इसमें भ्यूमी खटाई और मीठाई का मेल भी होता है। जो आपकी जीभ को ललचाता है की और एक बिल्कुल नया या जयदा स्वाद हो जाएगा। यह जरूरी नही है की हम इसका सेवन सिर्फ प्रोबाइस्क्स खाने के बाद करें, बल्कि इस से हैमीट प्राप्त करने के बाद भी इसका सेवन किया जा सकता है। क्योंकि इसमें ग्यूटारी मिनो बढ़ोतरी आती है, जो लोहे को बढ़ाने पर हमारी सेवा करती है।

नात्तो के संभ्रे तत्व

नात्तो के सेवन से जब बॉडी मैं विटामिन की उचित मात्रा में वृद्ध
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